सेमीकंडक्टर फ्यूज क्या होता है? इसका उपयोग?

फ्यूज क्या होता है:---
इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में फ्यूज एक ऐसा उपकरण है जो इलेक्ट्रिकल डिवाइस को खराब होने से बचाता है। यह पावर लाइन या फिर कंट्रोल सर्किट मे लगता है जिसमें एक पतली तार के बीच मे से धारा बहती है जब सर्किट मे कोई शॉर्ट सर्किट हो जाती है तो यह पतली तार गल जाती है जिससे कि सर्किट ब्रेक हो जाती है और इलेक्ट्रिकल के महंगे डिवाइसों का नुकसान होने से बच जाता है।
सेमीकंडक्टर फ्यूज:---
सेमीकंडक्टर फ्यूज को अल्ट्रा रैपिड फ्यूज या हाई स्पीड फ्यूज या रेक्टिफायर फ्यूज भी कहते है सेमीकंडक्टर फ्यूज एक हाई स्पीड करेंट लिमिटिंग फ्यूज है जो अर्क वोल्टेज को कम करके संवेदनशील सेमीकंडक्टर उपकरण जैसे थायरिस्टर डायोड scr आदि को सुरक्षित रखता है सेमीकंडक्टर फ्यूज आमतौर पर 125से 2100वोल्ट तक होते है ये अलग -अलग प्रकार के अलग अलग आकार के होते हैं। इसमें एक चांदी की पतली तार होती है जो कि विद्युत की बहुत अच्छी चालक होती है।

सेमीकंडक्टर फ्यूज क्लासेस: ---
सेमीकंडक्टर फ्यूज को तीन भागों में बंटा गया है जो फ्यूज की ब्रेकिंग विशेषता रखते हैं aR,gR,gS है ये फ्यूज अकसर फ्यूज के ऊपर लिखे होते हैं जैसे कि ऊपर चित्र में  लाल घेरे में दिखाया गया है। ताकि आपको इसको पहचानने मे मदद मिले सके। इस तरह के फ्यूज ज्यादा संवेदनशील उपकरण के बचाव के लिए लगाए जाते हैं जैसे थायरिस्टर डायोड scr आदि।

                       aR क्लासेस फ्यूज 
aR क्लासेस फ्यूज केवल पावर कंडक्टर शॉर्ट सर्किट से सुरक्षा प्रदान करते हैं। aR फ्यूज gR और gS के तुलना में ज्यादा तेज होते हैं gR क्लास फ्यूज के प्रतिस्थापन मे aR फ्यूज का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
 
                             gR क्लासेस फ्यूज 
gR क्लास फ्यूज का उपयोग केबल इंस्टालेशन के सभी स्विच गियरों की सुरक्षा के लिए और ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट प्रोटेक्शन के लिए किया जाता है जहां पर aR फ्यूज लगा हो वहां पर gR क्लास के फ्यूज को प्रतिस्थापित कर सकते हैं।

                          gS क्लासेस फ्यूज 
gS और gR फ्यूज क्लास के फ्यूज के समान होते हैं ये दोनों ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट से सुरक्षा प्रदान करते हैं लेकिन सख्त पिघलने वाले गेट मूल्यों के कारण gS क्लास फ्यूज में gR फ्यूज की तुलना में बिजली अपव्यय कम होती है ।

                     आंतरिक संरचना:

      जैसा कि ऊपर चित्र में दिखाया गया है कि फ्यूज के अंदर से एक सफेद रंग का पाउडर रहा है ये फ्यूज की वायर को ठंडा रखती है तथा जब शॉर्ट सर्किट होती है तो फ्यूज को फ्लैश होने से बचाता है ताकि और किसी फेज या डिवाइस को नुकसान न पहुंचे। एक कॉपर की पतली सी पत्ती दिख रही है उसी के बीच मे चांदी की पतली कसी तार होती है जो फ्यूज का काम करती है।
                  
                      चेक करने की विधि:---
1.फ्यूज को हम एक तो मल्टीमीटर की मदद से कंटीन्यूटी मार कर चेक कर सकते हैं अगर कंटीन्यूटी से मल्टीमीटर में बीप की आवाज आ रही है तो फ्यूज ठीक है अगर नहीं आ रही तो फ्यूज उड़ चुके हैं।
2. फ्यूज में हम सप्लाई देकर भी चेक कर सकते हैं एक तरफ सप्लाई निकल रही है तो फ्यूज सही है अन्यथा ख़राब है।
3. तीसरा सबसे बढ़िया है सेमीकंडक्टर फ्यूज को चेक करने आप सबसे ऊपर वाले चित्र में देखेंगे कि फ्यूज के ऊपर pin tube अगर ओ नीचे दबी है तो फ्यूज ठीक है अगर ऊपर उठा हुआ है तो फ्यूज उड़ चुका है जैसे कि चित्र में ट्यूब ऊपर की तरफ उठी हुईं है यानि कि ये खराब हो चुका है।

Comments

Popular posts from this blog

RTD ( Resistance temperature detecter) क्या होता है?

एस एफ यू (SFU) क्या है? इसका फुल फॉर्म क्या है।

एसीबी क्या होता है? इसके उपयोग और सुरक्षा रिले के बारे में जानकारी।